Tuesday 19 September 2017

ग्लोबल वार्मिंग के कारण प्रभाव

                               ग्लोबल वार्मिंग क्या है?
ग्लोबल वार्मिंग जिसे सामान्य भाषा मे, भूमंडलीय तापमान मे वृद्धि कहा जाता है| कहा जाता है ,पृथ्वी पर आक्सीजन की मात्रा ज्यादा होनी चाहिये परन्तु, बढ़ते प्रदुषण के साथ कार्बनडाईआक्साइड की मात्रा बढ़ रही है| जिसके चलते ओजोन पर्त मे एक छिद्र हो चूका है| वही पराबैगनी किरणें सीधे पृथ्वी पर आती है, जिसका असर ग्रीनहाउस पर पड़ रहा है| अत्यधिक गर्मी बढ़ने लगी है, जिसके कारण अंटार्कटिका मे बर्फ पिघल रही है जिससे, जल स्तर मे बढोतरी हो रही है| रेगिस्तान मे बढ़ती गर्मी के साथ रेत का क्षेत्रफल बढ़ रहा है|
ग्रीनहाउस के असंतुलन के कारण ही ग्लोबल वार्मिंग हो रही है|   
    
ग्रीनहाउस क्या है?
सभी प्रकार की गैसों से, जिनका अपना एक प्रतिशत होता है, उन गैसों से बना ऐसा आवरण जोकि, पृथ्वी पर सुरक्षा पर्त की तरह काम करता है| जिसके असंतुलित होते ही, ग्लोबल वार्मिंग जैसी भीषण समस्या सामने आती है|
              ग्लोबल वार्मिंग क्यों हो रही है?
    

              Image credit - inthesetimes.com/


ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा कारण प्रदुषण है| आज के समय के अनुसार, प्रदुषण और उसके प्रकार बताना व्यर्थ है| हर जगह और  क्षेत्र मे यह बढ़ रहा है, जिससे कार्बनडाईआक्साइड की मात्रा बढ़ रही है| जिसके चलते ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है|
आधुनिकीकरण के कारण, पेड़ो की कटाई गावों का शहरीकरण मे बदलाव| हर खाली जगह पर बिल्डिंग,कारखाना, या अन्य कोई कमाई के स्त्रोत खोले जा रहे है| खुली और ताजी हवा या आक्सीजन के लिये कोई स्त्रोत नही छोड़े|
अपनी सुविधा के लिए, प्राचीन नदियों के जल की दिशा बदल देना| जिससे उस नदी का प्रवाह कम होते-होते वह नदी स्वत: ही बंद हो जाती है|
गिनाने के लिये और भी कई कारण है| पृथ्वी पर हर चीज़ का एक चक्र चलता है| हर चीज़ एक दूसरे से, कही ना कही, किसी ना किसी, रूप मे जुडी रहती है| एक चीज़ के हिलते ही पृथ्वी का पूरा चक्र हिल जाता है| जिसके कारण भारी हानि का सामना करना पड़ता है|
                ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव
जिस तरह प्राक्रतिक आपदा का प्रभाव पड़ता है| उससे भारी नुकसान उठाना पड़ता है| बिल्कुल उसी तरह, ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसी आपदा है, जिसका प्रभाव बहुत धीरे-धीरे होता है| यह बहुत ही महत्वपूर्ण बात है कि, दूसरी आपदाओं की भरपाई तो कई सालो हो सकती है| लेकिन ग्लोबल वार्मिंग से हो रहे, नुकसान की भरपाई मनुष्य अपनी अंतिम सास तक नही कर सकता| जैसे –
ग्लोबल वार्मिंग के चलते, कई पशु-पक्षी व जीव-जंतुओं की प्रजाति ही विलुप्त हो चुकी है|
बहुत ठंडी जगह जहाँ, बारह महीनों बर्फ की चादर ढकी रहती थी| वहां बर्फ पिघलने लगी जिससे, जल स्तर मे वृद्धि होने लगी है|
भीषण गर्मी के कारण रेगिस्तान का विस्तार होने लगा है| जिससे आने वाले वर्षो मे, और अधिक गर्मी बढ़ने की संभावना है|
पृथ्वी पर मौसम के असंतुलन के कारण चाहे जब अति वर्षा, गर्मी, व ठण्ड पड़ने लगी है या सुखा रहने लगा है| जिसका सबसे बड़ा असर फसलो पर पड़ रहा है जिससे, पूरा देश आज की तारीख मे महंगाई से लड़ रहा है|
ग्लोबल वार्मिंग से पर्यावरण पर सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है| जिससे कोई भी व्यक्ति छोटे से लेकर बड़े तक किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त है| शुद्ध आक्सीजन न मिलने के कारण व्यक्ति घुटन की जिंदगी जीने लगा है|
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2 comments:

  1. ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा कारण है ग्रीन हाउस गैस. ग्रीन हाउस गैस के द्वारा किसी ग्रह या उपग्रह के वातावरण में मौजूद कुछ गैसें वातावरण के तापमान को अपेक्षाकृत अधिक बनाने में मदद करतीं हैं.

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